Jul 16 2025 / 4:04 PM

जम्मू-कश्मीर पर पीएम मोदी की ‘अहम’ बैठक आज, क्या फिर मिलेगा राज्य का दर्जा?

नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर को लेकर आज काफी महत्वपूर्ण दिन है। दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में गुरुवार को अहम बैठक होने जा रही है, जिसमें जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक भविष्य पर मंथन किया जा सकता है। पीएम मोदी की पहल पर हो रही इस बातचीत में जम्मू-कश्मीर के 4 पूर्व मुख्यमंत्रियों समेत 14 नेता शामिल हो रहे हैं। ये बैठक गुरुवार दोपहर 3 बजे पीएम आवास पर होगी।

बता दें कि इस बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह समेत केंद्र के कई नेता भी शामिल होंगे। गौरतलब है कि केंद्र की मोदी सरकार ने 5 अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर को खास दर्जा देने वाले आर्टिकल 370 को खत्म कर दिया था। बता दें कि आर्टिकल 370 हटाने के बाद पहली बार इतनी बड़ी बैठक होने जा रही है।

इस बीच जम्मू-कश्मीर के नेताओं के साथ पीएम मोदी की बैठक से पहले जम्मू-कश्मीर और नियंत्रण रेखा (LOC) पर 48 घंटे का अलर्ट जारी किया गया है। साथ ही हाई स्पीड इंटरनेट सेवाएं कल भी बंद रखी जा सकती हैं।

पीएम मोदी के साथ आज होने वाली इस महाबैठक में जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कांफ्रेंस अध्यक्ष फारुक अब्दुल्ला, पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला, पूर्व सीएम और कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद, पूर्व सीएम महबूबा मुफ़्ती, जेके अपनी पार्टी के अल्ताफ बुखारी, पूर्व डिप्टी सीएम और भाजपा नेता निर्मल सिंह समेत 14 नेता शामिल हो रहे हैं।

इससे पहले पीएम मोदी के साथ होने वाली बैठक को लेकर गुपकार गुट के नेताओं ने बड़ा फैसला लेते हुए शामिल होने की बात कही। पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कांफ्रेंस नेता फारूक अब्दुल्ला ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि, पीएम की तरफ से दावतनामा आया है और हम उसमें जाने वाले हैं। उम्मीद है कि हम वहां प्रधानमंत्री और गृहमंत्री के सामने अपना एजेंडा रखेंगे।

फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि, बैठक में महबूबा जी, मैं तारीगामी साहब और हममें से जिनको भी बुलाया है, हम लोग जा रहे हैं। हम सब बात करेंगे। हमारा मकसद सभी को मालूम है। वहां पर आप हर बात पर बोल सकते हैं। उनकी तरफ से कोई एजेंडा तय नहीं हुआ है।

इस दौरान PDP अध्यक्षा महबूबा मुफ़्ती ने कहा, हमारा पीपुल्स अलायंस का जो एजेंडा है। जिसके लिए हमने ये अलायंस बनाया है, जो हमसे छीना गया है, हम उसपर बात करेंगे कि ये आपने गलती की है, यह असंवैधानिक है। इसको बहाल किए बगैर जम्मू-कश्मीर का मसला और हालात में अमन बहाल नहीं कर सकते है।

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