Nov 10 2025 / 6:45 AM

चिराग पासवान ने बुलाई राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक, नेताओं को दिलाई समर्थन की शपथ

नई दिल्ली। एलजेपी में जारी घमासान के बीच दिल्ली में आज एलजेपी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक हुई। ये बैठक चिराग पासवान ने बुलाई थी। इस बैठक में शामिल होने से पहले नेताओं को चिराग ने समर्थन की शपथ दिलाई। चाचा के खिलाफ चिराग संघर्ष यात्रा निकाल सकते हैं।

दरअसल पार्टी में टूट के बीच चिराग और उनके चाचा पशुपति पारस दोनों ही खुद को पार्टी का असली नेता बता रहे हैं। यही नहीं पार्टी के बैनरों और झंडों पर दोनों अपना वर्चस्व दिखा रहे हैं।

बैठक के बाद चिराग पासवान ने कहा कि आज दिल्ली में हमारी पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक हुई। जिसमें फैसला लिया गया है कि निष्कासित लोग पार्टी सिंबल का इस्तेमाल न करें। चिराग ने कहा कि इस बात पर भी चर्चा की गई है कि एलजेपी के स्वर्गीय नेता रामविलास पासवान को भारत रत्न मिले और बिहार में उनकी बड़ी प्रतिमा बनाई जाए।

चाचा-भतीजे के बीच खींचतान इतनी बढ़ गई है कि ये मामला अब चुनाव आयोग तक पहुंच गया है। चिराग ने चुनाव आयोग में चाचा को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए जाने को असंवैधानिक बताया। इसके साथ ही उन्होंने 77 सदस्यों की लिस्ट भी EC को दी है।

वहीं चिराग ने शनिवार को लोकसभा अध्यक्ष से भी मुलाकात की। चिराग ने स्पीकर के सामने अपना पक्ष रखा। जब कि वह पहले ही पशुपति पारस को एलजेपी के नेता के तौर पर मंजूरी दे चुके हैं। एलजी के पांच सांसदों का समर्थन पशुपति पारस के पास है।

बता दें कि पशुपति पारस ने एलजेपी की पुरानी राष्ट्रीय कार्यकारिणी और राज्य लेवल की समितियों को भंग कर नई कार्यकारिणी का ऐलान किया है। इस बीच चिराग ने दिल्ली में आज राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाई थी। वहीं पशुपति पारस की नई राष्ट्रीय कार्यकारिणी में 9 लोग शामिल हैं।

हालांकि उन्होंने अब तक चुनाव आयोग को कार्यसमिति की लिस्ट नहीं सौंपी है। चिराग का कहना है कि संवैधानिक रूप से एलजेपी अब भी उनकी ही पार्टी है। अब चुनाव आयोग के फैसले का इंतजार है।

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