वर्ल्ड गवर्नमेंट समिट में बोले पीएम मोदी- विश्व को ऐसी सरकारों की जरूरत जो सबको साथ लेकर चलें
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को दुबई के वर्ल्ड गवर्नमेंट्स समिट को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि आज दुनिया को ऐसी सरकारों की जरूरत है, जो सबको साथ लेकर चले। पीएम मोदी ने सोशल और फाइनेंशियल इंक्लूजन की प्राथमिकता पर जोर दिया, जिसकी वजह से भारत में करोड़ों लोगों को बैंक की सुविधा दी गई।
पीएम मोदी ने कहा कि आज हम 21वीं सदी में हैं। एक तरफ दुनिया आधुनिकता की तरफ बढ़ रही तो पिछली सदी से चले आ रहे चैलेंजेस भी उतने ही व्यापक हो रहे हैं। फूड सिक्योरिटी हो, हेल्थ सिक्योरिटी हो। वाटर सिक्योरिटी हो, एनर्जी सिक्योरिटी हो, एजुकेशन सिक्योरिटी हो और समाज को इनक्लूसिव बनाना हो। हर सरकार अपने नागरिकों के प्रति अनेक दायित्वों से बंधी हुई है।
पीएम ने आगे कहा कि आज हर सरकार के सामने सवाल है कि वो किस अप्रोच के साथ आगे बढ़ें। मेरा मानना है कि आज विश्व को ऐसी सरकारों की जरूरत है जो कि इनक्लूसिव हों और सबको साथ लेकर चलें। आज विश्व को ऐसी सरकारों की जरूरत है जो स्मार्ट हों, जो टेक्नोलॉजी को बड़े बदलाव का माध्यम बनाएं।
आज विश्व को ऐसी सरकारों की जरूरत है जो क्लीन हों, करप्शन से दूर हों, जो ट्रांसपेरेंट हों। आज विश्व को ऐसी सरकारों की जरूरत है जो पर्यावरण से जुड़ी चुनौतियों को लेकर गंभीर हों। आज ऐसी सरकारों की जरूरत है जो ईज ऑफ लिविंग, ईज ऑफ जस्टिस, ईज ऑफ मोबिलिटी, ईज ऑफ इनोवेशन, ईज ऑफ डुईंग बिजनेस को अपनी प्राथमिकता बनाकर चले।
पीएम मोदी ने आगे कहा कि मैं मानता हूं कि सरकार का अभाव भी नहीं होना चाहिए और सरकार का दबाव भी नहीं होना चाहिए, बल्कि मैं तो ये मानता हूं कि लोगों की ज़िंदगी में सरकार का दखल कम से कम हो, ये सुनिश्चित करना भी सरकार का काम है। इन 23 वर्षों में सरकार में मेरा सबसे बड़ा सिद्धांत रहा है मिनिमम गवर्नमेंट, मैक्सिमम गवर्नेंस। मैंने हमेशा ऐसा माहौल बनाने पर जोर दिया जो नागरिकों में एंटरप्राइस और एनर्जी दोनों को बढ़ाए।
सबका साथ-सबका विकास के मंत्र पर चलते हुए हम लास्ट माइल डिलिवरी और सैचुरेशन की अप्रोच पर बल दे रहे हैं। सैचुरेशन की अप्रोच यानी सरकार की योजनाओं के लाभ से कोई भी लाभार्थी ना छूटे, सरकार खुद उस तक पहुंचे। गवर्नेंस के इस मॉडल में भेदभाव और भ्रष्टाचार दोनों की ही गुंजाइश समाप्त हो जाती है।
उन्होंने आगे कहा कि भारत आज सोलर, विंड, हाइड्रो के साथ साथ बायो फ्यूल्स, ग्रीन हाइड्रोजन पर भी काम कर रहा है। हमारी संस्कृति हमें सिखाती है कि प्रकृति से जितना हासिल किया है, उसे लौटाने का प्रयास भा करना चाहिए।
इसलिए भारत ने विश्व को एक नया मार्ग सुझाया है, जिस पर चलते हुए हम पर्यावरण की बहुत मदद कर सकते हैं। ये मार्ग है- मिशन लाइफ यानी लाइफस्टाइल फॉर एनवायरमेंट का। ये मिशन प्रो प्लेनेट प्यूपल का रास्ता दिखलाता रहै।
