सीएम केजरीवाल को हाईकोर्ट से गिरफ्तारी-रिमांड में नहीं मिली राहत, 3 अप्रैल को होगी अगली सुनवाई
नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल को दिल्ली हाईकोर्ट से गिरफ्तारी-रिमांड में राहत नहीं मिली है। मामले की अगली सुनवाई 3 अप्रैल को होगी। अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को दिल्ली हाई कोर्ट से आग्रह किया था कि ईडी की हिरासत से उन्हें तत्काल रिहा करने का आदेश दिया जाए। केजरीवाल ने दलील दी कि चुनाव के समय उनकी गिरफ्तारी संविधान के मूल ढांचे के विरुद्ध है।
आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने दलील दी, गिरफ्तारी का उद्देश्य सामग्री ढूंढना नहीं बल्कि मुझे और मेरी पार्टी को अक्षम करना था। मेरी प्रार्थना है, अब मुझे रिहा कर दें। सिंघवी ने दावा किया कि धनशोधन निवारण अधिनियम के तहत केजरीवाल की गिरफ्तारी जरूरी नहीं थी और असहयोग करने के आधार का ईडी ने सबसे ज्यादा दुरुपयोग किया है।
जांच एजेंसी की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस.वी.राजू ने कहा कि भारी भरकम याचिका उन्हें मंगलवार को ही सौंपी गई है और एजेंसी को अपना पक्ष रिकॉर्ड पर लाने के लिए तीन सप्ताह का समय दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अंतरिम राहत के वास्ते भी जवाब देने के लिए उचित समय दिया जाना चाहिए। सिंघवी ने आरोप लगाया कि जवाब दाखिल करने के लिए समय का अनुरोध मामले में विलंब की रणनीति है।
वरिष्ठ वकील ने कहा कि गिरफ्तारी के आधार को लेकर चुनौती दी गई है और ऐसे कई गंभीर मुद्दे हैं जिन पर हाई कोर्ट द्वारा तत्काल निर्णय करने की जरूरत है। सिंघवी ने कहा, लोकतंत्र भी शामिल है। (संविधान का) बुनियादी ढांचा भी शामिल है। अगर गिरफ्तारी अवैध है तो हिरासत में बिताया गया एक घंटा भी बहुत लंबा होता है। आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक केजरीवाल ने गिरफ्तारी और उसके बाद ईडी की हिरासत में भेजे जाने के मद्देनजर अपनी तत्काल रिहाई की मांग की है।
बता दें कि शराब नीति मामले में अरविंद केजरीवाल को 21 मार्च को अरेस्ट किया गया था। इसके बाद कोर्ट ने उनको 6 दिन की ईडी रिमांड पर भेज दिया था। हालांकि ईडी ने अदालत से 10 दिन की रिमांड मांगी थी लेकिन जांच एजेंसी को 6 दिन की रिमांड दी गई। अब केजरीवाल को 28 मार्च की दोपहर दो बजे कोर्ट में पेश किया जाएगा।
