देश की एकता और विकास यात्रा में सबसे बड़ी रुकावट तुष्टिकरण की राजनीति: पीएम मोदी
नई दिल्ली। भारत के ‘लौह पुरुष’ सरदार वल्लभभाई पटेल की 148वीं जयंती के अवसर पर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के केवडिया में स्टैच्यू ऑफ यूनिटी पर अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान पीएम मोदी ने एकता नगर में सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती के अवसर पर एक कार्यक्रम को संबोधित किया। पीएम मोदी ने कहा कि आने वाले 25 साल भारत के लिए इस शताब्दी के सबसे महत्वपूर्ण 25 साल हैं। इन 25 वर्षों में हमें समृद्ध बनना है, विकसित बनना है।
पीएम मोदी ने कहा कि देश की एकता और विकास यात्रा में सबसे बड़ी रुकावट तुष्टिकरण की राजनीति है। भारत के बीते कई दशक साक्षी हैं कि तुष्टिकरण करने वालों को आतंकवाद, उसकी भयानकता, विकरालता कभी दिखाई नहीं देती। तुष्टिकरण करने वालों को मानवता के दुश्मनों के साथ खड़े होने में भी संकोच नहीं हो रहा है। तुष्टिकरण की ये सोच इतनी खतरनाक है कि वो आतंकियों को बचाने के लिए अदालत तक पहुंच जाते हैं।एकता को खतरे में डालने वाली ऐसी सोच से हर पल, हर समय, हर देशवासी को सावधान रहना ही है।
पीएम मोदी ने कहा कि आप सभी युवाओं का जांबाजों का ये उत्साह राष्ट्रीय एकता दिवस की बहुत बड़ी ताकत है। एक तरह से मेरे सामने लघु भारत का स्वरूप दिख रहा है। राज्य अलग है, भाषा अलग है, परंपरा अलग है, लेकिन यहां मौजूद हर व्यक्ति एकता की मजबूत डोर से जुड़ा हुआ है।
पीएम मोदी ने कहा कि जैसे 15 अगस्त हमारी स्वतंत्रता के उत्सव का, 26 जनवरी हमारे गणतंत्र के जयघोष का दिवस है, उसी तरह 31 अक्टूबर का ये दिन देश के कोने-कोने में राष्ट्रीयता के संचार का पर्व बन गया है।
पीएम मोदी ने कहा कि दुनिया भारत की सराहना कर रही है। हमें दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र को नई ऊंचाइयों पर ले जाने पर गर्व है। हमें गर्व है कि जब दुनिया युद्ध और अन्य संकटों का सामना कर रही है, तब भी हमारी सीमाएं सुरक्षित हैं। हमें गर्व है कि हम जल्द ही दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी आर्थिक शक्ति बनने वाले हैं।
