Nov 11 2025 / 10:56 AM

लोकसभा में पेश किया गया दिल्ली सेवा बिल, विपक्षी नेताओं ने किया हंगामा

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने संसद के मानसून सत्र के नौवें दिन विवादास्पद दिल्ली सेवा विधेयक लोकसभा में पेश किया। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने लोकसभा में दिल्ली सेवा बिल पेश किया जिस पर बुधवार को चर्चा होगी। यह बिल दिल्ली में सेवाओं पर कंट्रोल तय करता है, इसे लेकर दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार के बीच विवाद है।

बता दें कि केंद्र द्वारा बिल पेश किए जाने के बाद मणिपुर को लेकर हंगामा कर रहे विपक्षियों का हमला और तेज हो गया, जिसका विरोध करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सुप्रीम कोर्ट के उस टिप्पणी का हवाला दिया, जिसमें कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया था कि अगर केंद्र सरकार चाहे, तो इसके विरोध में कानून बना सकती है। बिल के खिलाफ जो बयान दिए जा रहे हैं, वो सिर्फ राजनीतिक हैं, उनका कोई आधार नहीं है।

बता दें कि दिल्ली सर्विस बिल 19 मई को जारी किए अध्यादेश की हुबहू कॉपी नहीं है। इसमें तीन प्रमुख संशोधन किए गए हैं। बिल से सेक्शन 3 A को हटा दिया गया है। इसमें दिल्ली विधानसभा को सेवाओं संबंधित कानून बनाने का अधिकार नहीं दिया गया था। इसकी जगह बिल में आर्टिकल 239 AA पर जोर है, जो केंद्र को नेशनल कैपिटल सिविल सर्विस अथॉरिटी बनाने का अधिकार देता है। पहले अथॉरिटी को अपनी गतिविधियों की एनुअल रिपोर्ट दिल्ली विधानसभा और संसद दोनों को देने की बात थी लेकिन अब इस प्रावधान को भी हटा दिया गया है।

गौरतलब है कि केंद्र सरकार 19 मई को एक अध्यादेश लेकर आई थी। इस अध्यादेश के जरिए दिल्ली में अधिकारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग का अधिकार फिर से उपराज्यपाल को दे दिया गया है। यानी दिल्ली सरकार अगर किसी अधिकारी का ट्रांसफर करना चाहती है, तो उसे उपराज्यपाल की मंजूरी जरूरी होगी। अब सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती अध्यादेश से जुड़े बिल को संसद में पास कराना है, क्योंकि तभी यह कानून का शक्ल ले पाएगा।

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