पीएफआई को लेकर ईडी ने किया बड़ा खुलासा- पटना में पीएम मोदी को निशाना बनाने की थी साजिश
नई दिल्ली। कट्टरपंथी इस्लामी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया PFI के ठिकानों और इसके नेताओं समेत 100 से ज्यादा लोगों की गिरफ्तारी के बाद प्रवर्तन निदेशालय ED ने बड़ी आतंकी साजिश का खुलासा किया है। जांच एजेंसी ने दावा किया है कि पीएफआई ने पटना में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली में निशाना बनाने की योजना तैयार की थी।
पीएफआई से जुड़े एक मेंबर ने पूछताछ में बड़ा खुलासा हुआ है। इस मेंबर ने बताया कि इनके संगठन के निशाने पर पीएम नरेंद्र मोदी की पटना यात्रा थी। उसे इस दौरान ट्रेनिंग भी दी गई थी कि कैसे माहौल को भड़काना है। हालांकि ये अपने मंसूबे को अंजाम नहीं दे पाए थे। बताया जा रहा है कि संगठन को दुनियाभर से 200 करोड़ रुपये से ज्यादा का फंड भी मिला है।
जानकारी के अनुसार आरोपी जिसने यह खुलासे किए हैं उसका नाम शफीक पैठ है। ईडी और एनआईए दोनों ने मिलकर यह छापे मारे थे और मामले में दोनों ही एजेंसिया सतर्क रूप से काम कर रही हैं। ईडी ने जब शफीक से पूछताछ की तो उसने बताया कि पीएम मोदी की 12 जुलाई को पटना यात्रा के दौरान माहौल बिगाड़ने की योजना बनाई गई थी। इस दौरान संगठन के कुछ सदस्यों को माहौल बिगाड़ने की ट्रेनिंग भी दी गई थी। हालांकि सुरक्षा एजेंसियों की कड़ी निगरानी की वजह से यह अपने मंसूबों को अंजाम नहीं दे पाए थे।
पूछताछ में खुलासा हुआ है कि पीएफआई देश में आतंक फैलाना चाहता है। वह देश के सद्भाव के खिलाफ आपराधिक साजिश रच रहा है। वह धार्मिक दंगे भड़काने की कवायद में जुटा हुआ है। साथ ही, एक टेरर ग्रुप को तैयार करने के लिए ट्रेनिंग, हथियार और गोला बारूद एकत्र करने में लगा है, ताकि देश के महत्वपूर्ण स्थानों और प्रतिष्ठित लोगों को टारगेट कर सके।
जांच में पता चला है कि पिछले एक साल में ही पीएफआई के अकाउंट में 120 करोड़ रुपये की रकम जमा की गई है। पैसे भेजने वालों की भी जांच की जा रही है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार संगठन के पास अकाउंट में आए 120 करोड़ से दोगुना कैश में इकट्ठा किया गया। यह करोड़ों की रकम न सिर्फ भारत के कई इलाकों से बल्कि विदेशों से भी जमा की गई है। संगठन के पास से इन पैसों का इस्तेमाल देश-विरोधी गतिविधियों में करने के सबूत भी मिले हैं।
ईडी ने आरोप लगाया कि पीएफआई ने विदेश में कोष इकट्ठा किया और उसे हवाला और अन्य माध्यम से भारत भेजा। ईडी ने कहा कि कोष पीएफआई/सीएफआई और अन्य संबंधित संगठनों के सदस्यों, कार्यकर्ताओं या पदाधिकारियों के खातों के जरिए भी भेजा गया। एजेंसी ने कहा कि विदेश से हासिल कोष को सरकारी एजेंसियों से छुपाया गया और पीएफआई द्वारा ऐसे कोष और चंदा जुटाने में नियमों का पालन नहीं किया गया, क्योंकि वह विदेशी योगदान विनियमन अधिनियम (एफसीआरए) के तहत पंजीकृत नहीं है।
एनआईए के नेतृत्व में कई एजेंसियों ने देश में आतंकी गतिविधियों को समर्थन देने के आरोप में गुरुवार को 15 राज्यों में 93 स्थानों पर एक साथ छापेमारी कर पीएफआई के 106 पदाधिकारियों को गिरफ्तार किया था। अधिकारियों ने बताया था कि केरल में, जहां पीएफआई के कुछ मजबूत गढ़ हैं, सबसे ज्यादा 22 गिरफ्तारियां की गईं। गिरफ्तार किए गए लोगों में पीएफआई की केरल इकाई के अध्यक्ष सी पी मोहम्मद बशीर, राष्ट्रीय अध्यक्ष ओ एम ए सलाम, राष्ट्रीय सचिव नसरुद्दीन एलमारम, पूर्व अध्यक्ष ई अबूबकर और अन्य शामिल हैं।
