Nov 11 2025 / 1:54 AM

जर्मन चांसलर से मिले पीएम मोदी, कहा- दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक और आर्थिक आदान-प्रदान का लंबा इतिहास

नई दिल्ली। जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्ज भारत के दौरे पर है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नई दिल्ली में हैदराबाद हाउस में जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्ज के साथ बैठक की। पीएम मोदी ने रूस-यूक्रेन संघर्ष का समाधान संवाद और कूटनीति से निकालने की जरूरत बताते हुए कहा कि भारत किसी भी शांति प्रक्रिया में योगदान देने के लिए तैयार है। बैठक में दोनों पक्षों के बीच, रूस-यूक्रेन संघर्ष, डिजिटल परिवर्तन,फिनटेक, सूचना प्रौद्योगिकी, दूरसंचार और आपूर्ति श्रृंखला के विविधिकरण, स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्रों में विचारों का आदान-प्रदान हुआ।

इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि मैं अपने मित्र ओलाफ शोल्ज और उनके प्रतिनिधियों का भारत में स्वागत करता हूं। चांसलर ओलाफ कई वर्षों के बाद भारत का दौरा कर रहे हैं। आज की बैठक में हमने सभी महत्वपूर्ण द्विपक्षीय मुद्दों और क्षेत्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय विषय पर चर्चा की।

पीएम मोदी ने आगे कहा कि दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक और आर्थिक आदान-प्रदान का लंबा इतिहास रहा है। विश्व की दो बड़ी लोकतांत्रिक अर्थव्यवस्थाओं के बीच बढ़ता सहयोग, दोनों देशों की जनता के लिए लाभकारी तो है ही, आज के तनावग्रस्त विश्व में इससे एक सकारात्मक संदेश भी जाता है. उन्होंने कहा कि जर्मनी यूरोप में हमारा सबसे बड़ा ट्रेडिंग पार्टनर होने के साथ भारत में निवेश का भी महत्वपूर्ण स्रोत है। आज ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत अभियान’ की वजह से भारत में सभी सेक्टर्स में नए अवसर खुल रहे हैं।

पीएम मोदी ने कहा, ‘कोविड महामारी और यूक्रेन संघर्ष के प्रभाव पूरे विश्व पर पड़े हैं। विकासशील देशों पर इसका विशेष रूप से नकारात्मक प्रभाव रहा है। हमने इस बारे मे अपनी साझा चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि हम इस बात से सहमत हैं कि इन समस्याओं का समाधान संयुक्त प्रयासों से ही संभव है और जी20 की अध्यक्षता करने के दौरान भी भारत इस दिशा में प्रयास कर रहा है।

पीएम मोदी ने कहा, यूक्रेन में घटनाक्रम शुरु होने के समय से ही भारत ने संवाद और कूटनीति के माध्यम से इस विवाद को सुलझाने पर जोर दिया है। भारत किसी भी शांति प्रक्रिया में योगदान देने के लिए तैयार है।

वहीं, जर्मनी के चांसलर ओलाफ शोल्ज ने कहा कि भारत ने काफी तरक्की की है और यह दोनों देशों के बीच संबंधों के लिए बहुत अच्छा है। रूस की आक्रामकता का खामियाजा दुनिया भुगत रही है। चांसलर ने कहा कि हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि एशिया, अफ्रीका, अमेरिका के देशों पर आक्रामक युद्ध का नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़े। उन्होंने कहा, यूक्रेन में युद्ध के कारण भारी नुकसान हुआ, बुनियादी ढांचे और ऊर्जा ग्रिड नष्ट हो गए। यह एक आपदा है।

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