Nov 11 2025 / 12:12 PM

ब्रिक्स समिट में बोले पीएम मोदी- ब्रिक्स के विस्तार का पूरा समर्थन करता है भारत

नई दिल्ली। दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में ब्रिक्स सम्मेलन का आज आखिरी दिन है। इस दौरान पीएम मोदी ने जोहान्सबर्ग में 15वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि चंद्रयान-3 मिशन की सफलता पर हमारे लिए गर्व की बात है। इस सफलता को एक देश की सीमित सफलता के रूप में नहीं बल्कि मानवजाति की महत्वपूर्ण सफलता के रूप में स्वीकार किया जा रहा है।

पीएम ने कहा कि मुझे खुशी है कि तीन दिन की इस बैठक से कई सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं। हमने 15वीं वर्षगांठ पर इसका विस्तार करने का फैसला किया है। पीएम मोदी ने कहा कि भारत ने हमेशा ब्रिक्स के विस्तार का समर्थन किया है। भारत का मानना रहा है कि नए सदस्यों को जोड़ने से ब्रिक्स एक संगठन के रूप में मजबूत होगा।

पीएम मोदी ने कहा कि आज हम अर्जेंटीना, मिस्त्र, सऊदी अरब, ईरान, इथियोपिया और यूएई का ब्रिक्स में स्वागत करने के लिए सहमत हुए है। जिन अन्य देशों ने भी ब्रिक्स से जुड़ने की इच्छा जताई है, भारत उन्हें भी पार्टन देशों तके तौर पर जुड़ने के लिए बढ़ावा देगा। ब्रिक्स का विस्तार इस बात का संदेश है कि विश्व सभी संस्थानों को बदलते समय की परिस्थितियों के अनुरूप ढलना चाहिए।

पीएम मोदी ने कहा कि भारत ने पिछले कई समय से अफ्रीका के साथ संबंधों को अत्यधिक महत्व दिया है। हमने अफ्रीका में 16 दूतावास खोले हैं। आज भारत अफ्रीका का चौथा सबसे बड़ा व्यापार भागीदार और पांचवां सबसे बड़ा निवेशक है। इसके अलावा लगभग 4400 भारतीय शांतिरक्षक जिनमें महिलाएं भी शामिल हैं, शांति बहाल करने के लिए अफ्रीका में तैनात हैं। हम आतंकवाद और समुद्री डकैती के खिलाफ लड़ाई में अफ्रीका के साथ काम कर रहे हैं।

दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा ने जोहान्सबर्ग में 15वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन को लेकर कहा कि इस शिखर सम्मेलन ने ब्रिक्स, लोगों के बीच आदान-प्रदान और मित्रता एवं सहयोग बढ़ाने के महत्व की पुष्टि की। हमने जोहान्सबर्ग की दो घोषणाओं को अपनाया, जो वैश्विक आर्थिक, वित्तीय और राजनीतिक महत्व के मामलों पर प्रमुख ब्रिक्स संदेशों को प्रतिबिंबित करती हैं। यह उन साझा मूल्यों और सामान्य हितों को प्रदर्शित करता है जो पांच ब्रिक्स देशों के रूप में हमारे पारस्परिक रूप से लाभप्रद सहयोग का आधार हैं।

उन्होंने कहा, हम अर्जेंटीना, मिस्र, इथियोपिया, ईरान, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात को ब्रिक्स का पूर्ण सदस्य बनने के लिए आमंत्रित करने के लिए एक समझौते पर पहुंचे हैं। सदस्यता जनवरी 2024 से लागू होगी। ब्रिक्स का नया नाम ब्रिक्स प्लस होगा।

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