Nov 12 2025 / 1:09 PM

लोकसभा में बोलीं सोनिया गांधी- मनरेगा के बजट में सरकार ने की 35 फीसदी की कटौती

नई दिल्ली। कांग्रेस के अध्यक्ष सोनिया गांधी ने गुरुवार को लोकसभा में कहा कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) का कुछ लोग मजाक उड़ाते थे, उसने कोरोना और लॉकडाउन के दौरान करोड़ों लोगों की मदद की। उन्होंने कहा कि मनरेगा के चलते लोगों की जान बची है। फिर भी सरकार लगातार इसके बजट को कम करती जा रही है।

सोनिया गांधी ने कहा, बजट कम होने से समय पर भुगतान और नौकरियों की कानूनी गारंटी को कमजोर कर रहा है। इस साल का मनरेगा बजट 2020 की तुलना में 35 फीसदी कम है, भले ही बेरोजगारी लगातार बढ़ रही हो। बजट में कटौती के कारण श्रमिकों के भुगतान में देरी हो रही है, सुप्रीम कोर्ट ने इसे मजबूर श्रम कहा है।

उन्होंने आगे कहा, राज्यों को बताया गया कि उनका वार्षिक श्रम बजट तब तक स्वीकृत नहीं होगा जब तक कि वे सामाजिक लेखा परीक्षा और लोकपाल की नियुक्ति से संबंधित शर्तों को पूरा नहीं करते। सोशल ऑडिट को प्रभावी बनाया जाए लेकिन कमियों के आधार पर इसके लिए पैसे रोककर मजदूरों को दंडित नहीं किया जा सकता।

उन्होंने कहा, मैं केंद्र से आग्रह करता हूं कि मनरेगा के लिए बजट का उचित आवंटन किया जाए, काम के 15 दिनों के भीतर मजदूरों के लिए मजदूरी का भुगतान सुनिश्चित किया जाए, भुगतान में देरी के मामले में कानूनी रूप से मुआवजा सुनिश्चित किया जाए और राज्यों की वार्षिक कार्य योजना बिना किसी देरी के निर्धारित की जाए।

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