एस जयशंकर से मिले अमेरिकी विदेश मंत्री, कई मुद्दों पर हुई चर्चा
नई दिल्ली। विदेश मंत्री एस जयशंकर और उनके अमेरिकी समकक्ष एंटनी ब्लिंकन ने बुधवार को विभिन्न विषयों पर व्यापक वार्ता की। बातचीत के एजेंडे में अफगानिस्तान में तेजी से बदल रहे सुरक्षा परिदृश्य, हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भागीदारी बढ़ाने और कोविड-19 से निपटने के प्रयासों में सहयोग समेत अन्य विषय शामिल रहे।
वार्ता के बाद विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा की आजादी का मतलब अराजकता नहीं है यह हमें समझना होगा। विदेश मंत्री जयशंकर ने अपने स्टेटमेंट के आखिर में अमेरिकी विदेश मंत्री को उनके निक नेम- टोनी से संबोधित करते हुए अपना बयान देने के लिए आमंत्रित किया।
इसके बाद अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा कि हम भारत को यहां के लोगों की लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति समर्पण, मानवाधिकार, बहुलतावादी समाज को लेकर देखते और जानते हैं। लेकिन जैसा कि हमारे संविधान में है कोई परफेक्ट नहीं है। हम एक दूसरे से सीख भी रहे है।
अमेरिकी विदेश मंत्री बार बार यह बता रहे है कि वो विदेश मंत्री जयशंकर को लंबे समय से जानते हैं। इस साल के अंत तक भारत और अमेरिका के विदेश और रक्षा मंत्रियों की 2+2 डायलॉग वाशिंगटन में होगी। जिसमें शामिल होने जयशंकर और राजनाथ सिंह अमेरिका जाएंगे।
अमेरिकी विदेश मंत्री ने बताया कि साल 2006 में जो बाइडेन एक सीनेटर के तौर पर भारत आये थे। तब उन्होंने कहा था कि उनका सपना है कि साल 2020 तक भारत और अमेरिका के संबंध सबसे मजबूत होंगे। आज हम 2021 में है और जो बाइडेन अमेरिका के राष्ट्रपति हैं।
उन्होंने कहा कि भले ही हमारे सैनिक अफगानिस्तान से हटे हैं लेकिन हम अफगानिस्तान में लगातार सक्रिय है। वहां के विकास और पुनर्निर्माण से लेकर सभी पक्षों के साथ कूटनीतिक चर्चा में लगे हैं।
QUAD को लेकर चीन के आलोचनाओं का जवाब देते हुए अमेरिकी विदेश मंत्री ने जोर देते हुए कहा कि यह कोई सैन्य गठबंधन नहीं है। इस पर भारतीय नजरिए को जोड़ते हुए विदेश मंत्री ने चीन का बिना नाम लिए कहा कि कुछ देशों को ये समझना होगा कि अगर कुछ दूसरे देश मिल रहे है तो इसका मतलब यह नहीं है कि वो किसी के खिलाफ मिल रहे हैं बल्कि वे देश अपने हितों को देखते हुए एक ग्रुप में हैं।
